गाज़ीपुर : ग्राम पंचायत सचिवों ने ऑनलाइन उपस्थिति थोपने के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए मुख्यमंत्री को विस्तृत 10 सूत्रीय ज्ञापन भेजा है। करण्डा ब्लॉक के सचिवों ने साफ कहा कि सरकार फील्ड की हकीकत जाने बिना मोबाइल ऐप आधारित हाज़िरी लागू कर रही है, जबकि सचिवों का काम पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र में घूम-घूमकर किया जाता है।
करंडा विकास खंड के सचिवों ने खंड विकास अधिकारी शुवेदिता सिंह को दस सूत्रीय मांग सीएम के नाम सौंपा है।
ज्ञापन में सचिवों ने सरकार से दो-टूक मांग रखी है कि—
• फील्ड कर्मचारियों के लिए एक समान और व्यवहारिक उपस्थिति प्रणाली लागू हो।
• व्यक्तिगत मोबाइल पर थर्ड-पार्टी ऐप डाउनलोड कराने की ज़बरदस्ती न की जाए।
• ऑनलाइन सिस्टम लागू करना है तो सरकारी मोबाइल, CUG सिम व सुरक्षित ऐप दिया जाए।
• सचिवों पर 20–30 विभागों के काम लादने की बजाय विभागवार स्पष्ट ज़िम्मेदारी तय हो।
• वाहन व मोबाइल भत्ता तत्काल बहाल किया जाए।
• शैक्षणिक योग्यता स्नातक और वेतन मैट्रिक्स-05 में संशोधन किया जाए।
• समान योग्यता वाले पदों को समान ग्रेड पे 4200 दिया जाए।
• तैनाती स्थानीय भाषा व क्षेत्रीय अनुकूलता के अनुसार की जाए।
• मनरेगा ऑडिट आपत्तियों में बीडीओ—लेखाकार की संयुक्त जिम्मेदारी तय हो।
• ग्राम पंचायतों की ऑडिट व्यवस्था में पारदर्शिता व वैकल्पिक व्यवस्था लागू हो।
सचिवों ने चेतावनी दी है कि जब तक संसाधन व समान नीति सुनिश्चित नहीं होती, ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करना उचित नहीं होगा। उन्होंने मांगों के समाधान तक आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से जारी रखने का संकेत भी दिया है।
इस मौके पर मनोज कुमार यादव, पवन कुमार पाण्डेय, विपिन भारती, अर्जुन बिंद, मृत्युंजय राय, जुनैद खान, आशीष दूबे, सौरभ राय, जयप्रकाश पाल, आनन्द प्रकाश, प्रवीण श्रीवास्तव, संदीप यादव, श्रीकांत झां, जय प्रकाश पाण्डेय, अवनीश कुमार, संजय कुमार यादव, संजय कुमार, श्याम जी सैनीं, विद्यानंद सिंह मौजूद रहे।
