गाजीपुर : साइबर ठगों द्वारा “डिजिटल अरेस्ट” का भय दिखाकर की गई 13 लाख रुपये की बड़ी ठगी का साइबर क्राइम थाना ने खुलासा करते हुए सराहनीय सफलता हासिल की है। त्वरित कार्रवाई के चलते पीड़ित की पूरी धनराशि सुरक्षित रूप से वापस करा दी गई।
जानकारी के मुताबिक बीते सात दिसंबर को करंडा थाना क्षेत्र के चाडी़पुर निवासी सुनील कुमार राय ने साइबर थाना गाजीपुर में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि साइबर ठग ने स्वयं को पुलिस अधिकारी बताते हुए पुलिस वर्दी में वीडियो कॉल किया। ठग ने यह झांसा दिया कि नरेश गोयल नामक व्यक्ति तिहाड़ जेल में धोखाधड़ी के मामले में बंद है, जिसकी मोबाइल डिटेल में पीड़ित का नाम आ रहा है। इसी बहाने “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर पीड़ित के एसबीआई खाते से कुल 13 लाख रुपये RTGS के माध्यम से बताए गए खाते में ट्रांसफर करा लिए गए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना में मु0अ0सं0 40/2025 धारा 318(4), 319(2) बीएनएस एवं 66-डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।
पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा के आदेश एवं पुलिस अधीक्षक नगर (नोडल साइबर) राकेश मिश्रा तथा क्षेत्राधिकारी साइबर अपराध के कुशल निर्देशन में साइबर थाना की टीम ने तत्काल संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित कर फ्रॉड की गई धनराशि को फ्रीज कराया। सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप दस दिसंबर को को पीड़ित के खाते में पूरी 13 लाख रुपये की धनराशि सफलतापूर्वक वापस करा दी गई।
अपनी रकम वापस मिलने पर पीड़ित ने साइबर थाना की टीम का आभार व्यक्त करते हुए उनकी कार्यशैली की सराहना की।
सराहनीय भूमिका निभाने वाली साइबर टीम प्रभारी निरीक्षक रहमतुल्लाह खान मय साइबर थाना मय टीम शामिल रहे।
पुलिस की जनता से अपील
पुलिस कभी भी वीडियो कॉल नहीं करती है और कानून में “डिजिटल अरेस्ट” जैसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे किसी भी फोन या वीडियो कॉल से भ्रमित न हों। किसी भी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
सतर्क रहें | जागरूक रहें | सुरक्षित रहें
साइबर क्राइम थाना गाजीपुर: मो. 7839864020
साइबर सेल: मो. 7307022900
