Ghazipur News : उच्च अधिकारियों के मौजूदगी में लिखित रूप से समझौता के बाद भी बनी नाली को लेखपाल तोड़वाया, ग्राम प्रधान ने खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया शिकायत


गाजीपुर : देवकली विकास खंड अंतर्गत सिहोरी ग्राम सभा में स्थित हरिजन बस्ती में नवनिर्मित नाली तोड़ने पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने लेखपाल सहित 4 के खिलाफ सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करने की तहरीर थाने में देने के मामले में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि बस्ती में सरकारी जमीन पर करीब चालीस वर्ष पूर्व वहां चार फीट चौड़ी आरसीसी रोड बनाई गई थी। 

उन्होंने बताया कि ग्राम सभा में जो कार्ययोजना बनाई गई है जिसमें अंडर ग्राउंड नाली नहीं लिखा गया है। ग्राम प्रधान द्वारा सार्वजनिक नाली लेखपाल के द्वारा समझौता के बाद ही बनवाया गया था। मजे की बात तो यह है कि समझौता में कहीं अंडरग्राउंड नाली नहीं लिखा गया है। ढक्कनदार नाली लिखकर लोगों द्वारा हस्ताक्षर किया गया है। 

उन्होंने बताया कि गांव निवासी सुरेश राम ने नाली नहीं बनने के लिए सैदपुर उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया था। उक्त पत्र पर बीते 20 मई को ही ज्वांइट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड सहित नायब तहसीलदार, थानाध्यक्ष व लेखपाल मौके पर पहुंचे और जांच के बाद मामले को निस्तारित करते हुए प्रधान को आदेशित किया गया था। इधर आदेश के बाद प्रधान अनीता देवी ने नाली का निर्माण करवा दिया। इसके बाद तीन दिनों पहले नाली पर प्लास्टर करवाया और उसे ढंकने का काम करने की बात कही। इस बीच गुरूवार को अचानक लेखपाल अशोक राय मौके पर पहुंचे और वहीं खड़े होकर नाली को तोड़वाने लगे। जिसका वीडियो भी लोगों ने बना लिया। वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। प्रधान प्रतिनिधि ने जब पूछा कि किसके आदेश पर नाली तोड़वा रहे हैं तो लेखपाल ने सैदपुर एसडीएम का नाम बताया। आदेश की कॉपी मांगने बोले कि फोन पर आदेशित किया है। प्रतिनिधि राजेश यादव ने लेखपाल अशोक राय सहित सुरेश राम व उनके दोनों पुत्र विनोद कुमार व मनोज राम के खिलाफ सरकारी संपत्ति के नुकसान करने का शिकायत पत्र थाने में दिया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा मेरे ऊपर नाली तोड़कर अंडरग्राउंड नाली बनाने का दबाव बनाया जा रहा है जो मेरे बस की बात नहीं है। इस बाबत लेखपाल अशोक राय पक्ष रखने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।‌ उधर 

ज्वांइट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड का दावा है कि मेरे द्वारा मौके का मुआयना करने के बाद अंडरग्राउंड नाली बनवाने का आदेश दिया गया था। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि समझौता पत्र में कहीं भी अंडरग्राउंड नाली का जिक्र नहीं। 

इस संबंध में ज्वाईंट मजिस्ट्रेट के सीयूजी नंबर 9454417077 पर भी संपर्क किया गया तो उनका सरकारी नंबर उनका गनर उठाकर बोला कि साहब अभी व्यस्त हैं अभी बात नहीं हो पाएगी वहीं उनका नाम पूछने पर नहीं बताया गया।

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